पूरा गुजरात जल रहा था

 सच्चाई: उस समय राज्य में १८,६०० गाँव, २४० क़स्बे (towns), २५ ज़िला-मुख्यालय थे, जिनमें से अधिकतम ९० स्थानों पर दंगे भड़के थे। इनमें अहमदाबाद और वडोदरा जैसे बड़े शहरों को शामिल कर लेने पर भी, कल्पनाशक्ति पर कितना भी ज़ोर डालकर ज़्यादा से ज़्यादा यह कहा जा सकता है कि राज्य का दो प्रतिशत हिस्सा जल रहा था। 

हमने तीसरे अध्याय में देखा कि एक तिहाई गुजरात में, यानी सौराष्ट्र और कच्छ में पहले तीन दिनों में भी दंगे नहीं फैले थे। इसी तरह गुजरात के २५ ज़िलों में से मात्र सात ज़िलों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार शेष १८ ज़िले या तो दंगा-मुक्त थे या वहाँ अत्यंत मामूली हिंसा हुई। हमने इससे पहले कुछ लोगों का दावा, जो उन्होंने आर. श्रीकुमार की रिपोर्ट का संदर्भ दे कर किया, कि ९९३ गाव और १५४ विधानसभा सीटो के क्षेत्रों में दंगे हुए, भी पूरा झूठा सिद्ध किया हैं। 

मनगढ़ंत कथा

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